देश में फसल उत्पादन के बाद उसे सुरक्षित भंडारण की बहुत बड़ी समस्या है। इस समस्या के कारण भारी मात्रा में फसल खराब हो जाती है।
सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए किसानों को सुरक्षित भंडारण के लिए प्रोत्साहित किया और उसके लिए एक योजना बनायी है। इस योजना के तहत सरकार ने किसानों को प्याज के भंडार गृह बनाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान यानी सब्सिडी देने की योजना चलायी है।
इस बारे में जानकारी जुटाकर किसान भाई लाभ उठा सकते हैं। आइये जानते हैं कि किसान भाई किस प्रकार इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
इसलिये अधिकांश किसान भाई अपनी फसल को औने-पौने दामों में ही बेच डालते हैं। इससे उनकी आमदनी पर काफी असर पड़ता है। इसके अलावा जिस किसान की फसल भंडारण के कारण खराब हो जाती है वो दुबारा प्याज की पैदावार नहीं करता है।
मध्य प्रदेश सरकार के उद्यानिकी विभाग ने राज्य के चयनित जिलों से किसानों से प्याज भंडार गृह के निर्माण हेतु आवेदन पत्र मांगे हैं।
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इसके अलावा सामान्य या पिछड़े वर्ग के किसान अभी आवेदन नहीं कर सकते हैं। योजना के अगले चरण में अन्य वर्ग के किसानों के आवेदन पर विचार किया जायेगा।
इस समिति के मूल्यांकन और भौतिक सत्यापन के बाद जो सिफारिश की जायेगी उसके आधार पर किसान को अनुदान की राशि का भुगतान एमपी एगो द्वारा डी.बी.टी . के जरिये किया जायेगा। जो किसानों के बैंक खातों में सीधा जायेगा।
इस आवेदन को राज्य के उद्यान विभाग के अधिकारियों द्वारा 15 दिन में स्वीकृति दी जायेगी। अधिकारियों द्वारा यदि कोई कमी नहीं बताई गयी तो लाभार्थी का चयन पूर्ण माना जायेगा।
इस योजना के तहत लाभार्थी किसानों को प्याज भंडार गृह के निर्माण पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दिये जाने का प्रावधान है।
मध्य प्रदेश राज्य के उद्यानिकी विभाग की ओर से प्याज के 50 मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता वाले भंडार के निर्माण के लिए अधिकतम 3.5 लाख रुपये निर्धारित की गयी है। इसमें किसानों को लागत का अधिकतम 1.75 लाख रुपये की सब्सिडी दी जायेगी।
आवेदकों की संख्या सरकार द्वारा जिले को दिये गये लक्ष्य के अनुसार होगी। हालांकि सरकार ने जिले के उप व सह संचालक उद्यान विभाग को लक्ष्य से 10 प्रतिशत अधिक आवेदन लेने को कहा है।
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इस योजना में अनुसूचित जाति के कुल 351 किसानों के आवेदन का लक्ष्य जारी किया गया है। वहीं अनुसूचित जनजाति के लिए लक्ष्य 267 आवेदकों का रखा गया है। इस लक्ष्य के अनुसार अनुसूचित जाति के 188 किसानों और अनुसूचित जनजाति के 266 किसानों को इस योजना का लाभ दिया जा सकता है।
इसके साथ ही जो किसान भाई इस बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो वे राज्य सरकार की वेबसाइट https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/new-application पर जाकर विवरण जानें।
इसके अलावा किसान भाई राज्य के उद्यानिकी विभाग व खाद्य विभाग प्रसंस्करण विभाग पर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही विकास खंड स्तर पर कार्यालय में भी संपर्क करके पूरी जानकारी पायी जा सकती है।